महाकुंभ मेला 2025: भगदड़ के बाद प्रशासन का बड़ा कदम, मेला क्षेत्र पूरी तरह बना नो-व्हीकल जोन
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मेला क्षेत्र में वीआईपी और वाहन पास की एंट्री को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पैदल यातायात के लिए एकतरफा मार्ग निर्धारित किए गए हैं जिससे भीड़ को सुगमता से नियंत्रित किया जा सके।
महाकुंभ मेला क्षेत्र में अब किसी भी प्रकार के वाहनों को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
360 स्पेशल ट्रेनों को विभिन्न स्टेशनों से संचालित किया जा रहा है ताकि श्रद्धालुओं की यात्रा सुगम हो सके।
प्रयागराज: महाकुंभ मेले में हुई भगदड़ और उससे हुई मौतों के बाद उत्तर प्रदेश सरकार और मेला प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया है। प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कई बड़े बदलाव किए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च अधिकारियों के साथ बैठक कर कई अहम निर्णय लिए हैं। प्रशासन ने पूरे मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया है, जिससे किसी भी प्रकार के वाहन को अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन के लिए मार्गों को वन-वे कर दिया गया है। अब सभी श्रद्धालुओं को पैदल ही संगम तट और गंगा घाट तक जाना होगा।
महाकुंभ स्नान के लिए किए गए 5 बड़े बदलाव
नो-व्हीकल जोन: महाकुंभ मेला क्षेत्र में अब किसी भी प्रकार के वाहनों को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
VVIP पास रद्द: मेला क्षेत्र में वीआईपी और वाहन पास की एंट्री को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। केवल आपातकालीन सेवाओं से जुड़े वाहनों (एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, नगर निगम) को ही अनुमति दी गई है।
वन-वे मार्ग: श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पैदल यातायात के लिए एकतरफा मार्ग निर्धारित किए गए हैं जिससे भीड़ को सुगमता से नियंत्रित किया जा सके।
वाहनों की एंट्री पर रोक: प्रयागराज के आसपास के जिलों से आने वाले वाहनों को सीमाओं पर रोका जा रहा है और उन्हें चरणबद्ध तरीके से आगे भेजा जा रहा है।
ड्रोन और हेलिकॉप्टर से निगरानी
मेला क्षेत्र में ड्रोन और हेलिकॉप्टर के जरिए निगरानी की जा रही है। कैमरों से पूरे परिसर पर नजर रखी जा रही है, और लाउडस्पीकर के माध्यम से दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं।
क्राउड मैनेजमेंट और ट्रांसपोर्ट सुविधा
मेला क्षेत्र में भीड़ नियंत्रण के लिए अधिकारियों की विशेष तैनाती की गई है। ज्यादा भीड़ वाले इलाकों में श्रद्धालुओं की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित की जा रही है।
360 स्पेशल ट्रेनों को विभिन्न स्टेशनों से संचालित किया जा रहा है ताकि श्रद्धालुओं की यात्रा सुगम हो सके।
4 फरवरी तक सख्त प्रतिबंध
प्रयागराज शहर में 4 फरवरी तक चार पहिया वाहनों की एंट्री पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी।
प्रशासन की अपील
प्रशासन का कहना है कि इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना और भीड़ नियंत्रण करना है। सभी श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और सहयोग करें, जिससे किसी भी तरह की अव्यवस्था से बचा जा सके।